JEE AAIAAN NOOO...

...ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੀ ਫੁਲਵਾੜੀ ....

Saturday, 14 November 2009

सुबह

सुबह
उदासी के अँधेरे हटा कर
नई रौशनी फैलाये गी
मेरे मन के वन उपवन में
सबरंग के फूल खिलाये गी
आस कि मासूम कली
नहीं जब मुर्झायेगी
मेरी उम्मीदों की नय्या
लहरों पर समय की .
चलेगी
पर जायेगी'
मन हर्शाएगी;
कभी तो कोई सुबह,
मेरे लिए
ढेर खुशियाँ लेकर आयेगी .
वो सुबह जरूर आयेगी


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दीप्ज़िर्वि९८१५५२४६००






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