JEE AAIAAN NOOO...

...ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੀ ਫੁਲਵਾੜੀ ....

Sunday, 17 May 2009

आप का क्या विचार है

हम और आप ख़ुद को जो आम आदमी कहते हैं , क्या सच में आम आदमी हैं ? हम और आप जो छोटे हों अथवा बडे , विद्यार्थी हो अथवा अध्यापक , नर हों अथवा मादा , क्या आप आम हो ? क्या हम आम हैं ? हम जिन के बूते पर लोक तंतर है क्या हम आम हो सकते हैं? हमारी चेतना सुप्त है कदाचित येही कारण है की वो कुर्सी के पिस्सू हमे आम आदमी कहते हैं । हम जलते हैं तो उन की राजनीति की रोटियाँ सिकती हैं । यदि हम १०० प्रतिशत मतदान करना आरम्भ कर दें तो राज नीति की गंदगी दूर कर सकते हैं । आप का क्या विचार है ?आप अपनी भावनाओ से भी अवगत करवाएं गे तो चर्चा आगे चलाई जा सकती है .


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